मुर्दे की नमाज़ मे कुछ चीज़े मुसतहिब हैः 573

SiteTitle

صفحه کاربران ویژه - خروج
ورود کاربران ورود کاربران

LoginToSite

SecurityWord:

Username:

Password:

LoginComment LoginComment2 LoginComment3 .
SortBy
 
तौज़ीहुल मसाएल
मुर्दे की नमाक़ का तरीक़ 570 -572दफ़न के अहकाम 574-587
मसअला 573.
नमाज़ पढ़ने वाले को वज़ू या ग़ुस्ल या तयम्मुम से होना मुसतहिब है और एहतियात यह है कि तयम्मुम उस समय करे जब वज़ू और ग़ुस्ल संभव नही हो या अगर वज़ू या ग़ुस्ल करता है तो नमाज़े मय्यत में समिलित नही हो सकता है इसके अतिरिक्त दूसरी चीज़ों के सवाब के लिए मुर्दे की नमाज़ में ध्यान रखना चाहिए।
1. अगर मर्द का शव है तो जामाअत का इमाम या एकेले नमाज़ पढ़ने वाला शव के करम के सामने खड़ा हो और अगर शव औरत का है तो उसके सीने के सामने खड़ा हो।
2. नंगे पाँव पढ़े।
3. हर तकबीर करते समय हाथों को उठाए।
4. शव और उसके बीच दूरी इतनी कम हो कि अगर हवा के कारण उसका कपड़ा हिले तो शव से लगे।
5. अगर जमाअत हो रही हो तो जमाअत का इमाम तकबीर और दुआओं तो तेज़ आवाज़ से पढ़े और जो लोग साथ पढ़ रहे हैं वह आहिस्ता पढ़ें।
6. नमाज़ पढ़ने वाला मुर्दे और मोमेनीन के लिए बहुत अधिक दुआ करे।
7. नमाज़ से पहले तीन बार सलवात पढ़े।
8. मुर्दे की नमाज़ ऐसे स्थान पर पढ़े जहां अधिक से अधिक लोग आ सकें।
9. मस्जिदुल हराम के अतिरिक्त बेहतर यह है कि मुर्दे की नमाज़ को मस्जिद में नही पढ़ें।
10. मासिक धर्म वाली औरत अगर मुर्दे की नमाज़ जमाअत से पढ़े तो एक सफ़ में अलग खड़ी हो।
मुर्दे की नमाक़ का तरीक़ 570 -572दफ़न के अहकाम 574-587
12
13
14
15
16
17
18
19
20
Lotus
Mitra
Nazanin
Titr
Tahoma