पहली क़िस्म (विषेश दिन और समय वाली औरत 458-465)

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तौज़ीहुल मसाएल
हाएज़ (मासिक धर्म) औरतों की क़िस्में 457दूसरी क़िस्म (समय विषेश वाली औरत 466-470
मसअला 458. एस प्रकार की औरते अगर अपनी आदत के दिनों में ख़ून देखते ही मासिक धर्म वाली हो जाती है और उन्हे आदत के समाप्त तक मासिक धर्म वाली औरतो के मसअलों के अनुसार कार्य करना होगा चाहे आदत के दिनों में आने वाले ख़ून में मासिक धर्म की निशानियां हों या नही हों।
मसअला 459. अगर औरत को पूरे महीने ख़ून आता रहे लेकिन दो नहीने तक लगातार कुछ विषेश दिनो तक (जैसे एक तारीख़ से सात तारीख़ तक) जो उसने ख़ून आया है उसमें मासिक धर्म की निशानियां थीं लेकिन बाक़ी के दिनों में नही थी तो वह औरत भी उन्ही दिनो को अपनी आदत मानेगी।
मसअला 460. वह औरते जो विषेश दिन और समय की आदत वाली है अगर उनके आदत से एक ये दो या तीन दिन पहले या बाद में ख़ून आए, और वह इस प्रकार हो कि कहा जाए कि उसकी आदत पहले या बाद में हो गई है तो उन्हे मासिक धर्म वाली औरतों के मसअलों के अनुसार कार्य करना चाहिए चाहे उस ख़ून में मासिक धर्म की निशानियां हों या नही हों।
मसअला 461.वह औरतें जिनकी विषेश समय और दिन की आदत है उनके अगर आदत से कुछ दिन पहले या बाद में ख़ून आए (जैसा कि औरतों में सामान्यता होता है कि कभी कभी उनकी आदत पहले या बाद में हो जाती है) और सब मिलाकर दस दिन से अधिक नही हो तो वह सब मासिक धर्म है और अगर दस दिन से अधिक हो जाए तो आदत के दिनों वाला ख़ून मासिक धर्म होगा लेकिन पहले और बाद वाला इस्तेहाज़ा होगा। इसी प्रकार अगर आदत के दिनों में और आदत से कुछ दिन पहले या आदत के कुछ दिन बाद ख़ून आए तो अगर दस दिन से अधिक नही हो तो सब मासिक धर्म है और अगर अधिक हो तो केवल आदत के दिनों वाला ख़ून मासिक धर्म माना जाएगा।
मसअला 462. अगर किसी औरत की आदत यह है कि तीन दिन या उससे अधिक ख़ून देखे और पवित्र हो जाए और दोबारा फिर ख़ून आए और दोनो ख़ून के बीच का समय दस दिन से कम हो और वह सारे दिन जिनमें उसके ख़ून आया है दस दिन से अधिक नही हों तो सब मासिक धर्म है (लेकिन बीच जिन दिनों में वह पवित्र रही है पवित्र मानी जाएगी) लेकिन अगर दस दिन से अधिक हो तो जो ख़ून आदत के दिनों में आया है वह मासिक धर्म है और जो आदत के दिनों में नही आया है जो जिस ख़ून में मासिक धर्म की निशानियां हों वह मासिक धर्म होगा और दूसरा ख़ून इस्तेहाज़ा होगा और अगर दोनों में मासिक धर्म की निशानियां हों तो दस दिन तक मासिक धर्म और बाक़ी इस्तेहाज़ा होगा।
मसअला 463. विषेश समय और दिन की आदत वाली औरत के अगर आदत के दिनों में ख़ून नही आए और दूसरे दिनों में अपनी आदत के आनुसार ख़ून देखे तो उसी को मासिक धर्म माने चाहे वह आदत के दिनों से पहले हो या बाद में लेकिन इस शर्त के साथ कि उसमें मासिक धर्म की निशानियां पाई जाती हों।
मसअला 464. विषेश समय और दिन वाली औरत को अगर अपनी आदत के दिनों में ख़ून आए लेकिन उसके दिनो सी संख्या आदत के दिनों से कम या अधिक हो और उन्हीं आदत से पहले या बाद में अदत के दिनों के अनुसार ख़ून आए तो जो ख़ून आदत के दिनों में आया है उसी को मासिक धर्म माने।
मसअला 465. विषेश दिन और समय वाली औरतें के अगर दस दिन से अधिक ख़ून आए तो जिस ख़ून को आदत के दिनों में देखा है वही मासिक धर्म है (चाहे उसमें मासिक धर्म की निशानियां पाई जाती हों या नही) और जो ख़ून आदत के दिनों के बाद आया है वह इस्तेहाज़ा है। (चाहे उसमे मासिक धर्म की निशानियां पाई जाती हों या न पाई जाती हों)
हाएज़ (मासिक धर्म) औरतों की क़िस्में 457दूसरी क़िस्म (समय विषेश वाली औरत 466-470
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