मसअला 215. अगर शराब अपने आप या किसी चीज़ के डालने के कारण सिरका बन जाए तो वह पवित्र हो जाती है और इस को इन्क़ेलाब कहते हैं।
मसअला 216. अपवित्र अंगूर से बनी हुई शराब सिरका बन जाने से पवित्र नही होती। यहा तक कि अगर अलग से कोई अपवित्र चीज़ शराब में पड़ जाए तो सिरका हो जाने के बाद भी उस से बचाव वाजिब है, इसी प्रकार अपवित्र अंगूर, किशमिश या ख़जूर से जो सिरका बनाया जाए वह अपवित्र है।
मसअला 217. अगर अंगूर को उसके गुछ्छों समेत सिरके में डाल दें और वह सामान्यता सिरका होने से पहले शराब हो जाए उसके बाद सिरका हो जाए तो पवित्र है। लेकिन अगर खीरा, बैगन और उसी प्रकार की कोई और चीज़ डालें तो एहतियाते वाजिब यह है कि उसको प्रयोग न करें।
मसअला 218. खाने में जो किशमिश और खजूर डालते हैं उसका खाला हलाल है चाहे उसमें उबाल भी आ चुका हो।