वह कार्य जो मुजनिब के लिए हराम हैः370-371

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तौज़ीहुल मसाएल
360-369(1) जनाबत के ग़ुस्ल के अहकामजो चीज़े मुजनिब के लिए मकरूह है 372
मसअला 370. पाँच चीज़े मुजनिब के लिए हराम हैः
1. क़ुरआन के लिखे, ईश्वर के नाम, इमामों के नाम (एहतियाते वाजिब के अनुसार) का छूना। जैसा कि वज़ू के भाग में बयान किया गया।
2. मस्जिदुल हराम और मस्जिदे नबी में प्रवेश करना चाहे एक द्वार से जा कर दूसरे से बाहर निकल जाए।
3. दूसरी मस्जिदों में ठहरना, लेकिन अगर एक द्वार से प्रवेश करके दूसरे से निकल जाए, या कोई वस्तु उठाने के लिए जाए तो कोई हर्ज नही है, और एहतियाते वाजिब यह है कि इमामों के हरमों (रौज़ों, दरगाहों) में भी नही ठहरे।
अगरचे बेहतर यह है कि जो मस्जिदुल हराम और मस्जिदे नबी के बारे में बयान किया गया है इमामों के रौज़ों पर भी उसी हुक्म का अनुसरण करे।
4. किसी वस्तु को रखने के लिए मस्जिद में प्रवेश करना।
5. सजदे की आयतों में से किसी आयत का पढ़ना लेकिन सजदे की आयते के अतिरिक्त सूरह सजदा की किसी आयत के पढ़ने में कोई हर्ज नही है।
मसअला 371. जिन सूरो में वाजिब सजदे हैं वह चार सूरे हैः
1) सूरह الم تنزیل पारा नम्बर 21 सूरह नम्बर 32
2) सूरह पारा حم سجدہ नम्बर 24 सूरह नम्बर 41
3) सूरह पारा والنجم नम्बर 27 सूरह नम्बर 53
4) सूरह पारा علق नम्बर 30 सूरह नम्बर 96
360-369(1) जनाबत के ग़ुस्ल के अहकामजो चीज़े मुजनिब के लिए मकरूह है 372
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