245-242 (12) मुसलमान का ग़ाएब हो जाना

SiteTitle

صفحه کاربران ویژه - خروج
ورود کاربران ورود کاربران

LoginToSite

SecurityWord:

Username:

Password:

LoginComment LoginComment2 LoginComment3 .
SortBy
 
तौज़ीहुल मसाएल
241-239 (11) पाख़ाना खाने वाले जानवर का इस्तिबरा246-255 बर्तनों के अहकाम
मसअला 242. अगर मुसलमान का बदन या कपड़ा या ऐसी वस्तु जो उसके अधिकार में हो अपवित्र हो जाए और वह भी समझ ले कि अपवित्र हो गया है और उसके बाद वह मुसलमान ग़ाएब हो जाए तो अगर इन्सान को संभावना हो कि उसने पवित्र कर लिया होगा तो पवित्र है लेकिन इस शर्त के साथ कि वह चीज़ ऐसी हो कि जिस में पवित्रता आवश्यक है जैसे वह कपड़ा जिस में वह नमाज़ पढ़ता है या खाना खाने का बर्तन आदि।
मसअला 243. अगर दो सच्चे या एक व्यक्ति किसी अपवित्र वस्तु के पवित्र हो जाने का समाचार दें तो उनकी गवाही मान ली जानी चाहिए। इसी प्रकार अगर साहिबे यद (वह व्यक्ति जिस के अधिकार में वह वस्तु हो) पवित्र होने का समाचार दे तो उसको भी स्वीकार कर लिया जाएगा। इसी प्रकार अगर यह पता हो कि मुसलमान ने उसको पवित्र किया है लेकिन पता नही सही पवित्र किया है या नही, तब भी पवित्र है।
मसअला 244. अगर इंसा अपना कपड़ा लॉन्डरी में दे कर कहे कि इस को धो दीजिए और पवित्र कर दीजिए तो लॉन्डरी वाले की बात (इस बारे में) मान लेना चाहिए।
मसअला 245. जो लोग शक करते हैं और किसी भी वस्तु के अपवित्र होने का बहुत जल्दी विश्वास कर लेते हैं या कपड़ा धोते समय उसके पवित्र होने का जल्दी विश्वास नही करते हैं उन के विश्वास की कोई मान्यता नही है। उनको दूसरों की विश्वास पर विश्वास कर लेना चाहिए।
241-239 (11) पाख़ाना खाने वाले जानवर का इस्तिबरा246-255 बर्तनों के अहकाम
12
13
14
15
16
17
18
19
20
Lotus
Mitra
Nazanin
Titr
Tahoma