53. हज़रत अली अलैहिस्सलाम तमाम सहाबा से अफ़ज़ल थे।

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हमारे(शियों के)अक़ीदे
52. हर इमाम की अपने से बाद वाले इमाम के लिए ताकीद 54. सहाबा अक़्ल व तारीख़ की दावरी में
53हज़रत अली अलैहिस्सलाम तमाम सहाबा से अफ़ज़ल थे।
हमारा अक़ीदह है कि हज़रत अली अलैहिस्सलाम तमाम सहाबा से अफ़ज़ल थे और पैग़म्बरे इस्लाम के बाद उम्मते इस्लामी में उनको औलवियत हासिल थी। लेकिन इन सब के बावुजूद उन के बारे में हर तरह के ग़ुलू को हराम मानते हैं। हमारा अक़ीदह है कि जो हज़रत अली अलैहिस्सलाम की ख़ुदाई या इस से मुशाबेह किसी दूसरी चीज़ के क़ाइल हैं वह काफ़िर हैं और इस्लाम से ख़ारिज हैं और हम उन के अक़ीदे से बेज़ार हैं। अफ़सोस है कि उन का नाम शियों के नाम के साथ लिया जाता है जिस से बहुत से इस बारे में बहुत सी ग़लत फ़हमियाँ पैदा हो गई हैं। जबकि उलमा-ए-शिया इमामियह ने अपनी किताबों में इस गिरोह को ख़ारिज अज़ इस्लाम ऐलान किया है।
52. हर इमाम की अपने से बाद वाले इमाम के लिए ताकीद 54. सहाबा अक़्ल व तारीख़ की दावरी में
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