उसकी ज़ाते पाक नामुतनाही (अपार,असीम)है 3.

SiteTitle

صفحه کاربران ویژه - خروج
ورود کاربران ورود کاربران

LoginToSite

SecurityWord:

Username:

Password:

LoginComment LoginComment2 LoginComment3 .
SortBy
 
हमारे(शियों के)अक़ीदे
2. सिफ़ाते जमाल व जलाल 4. न वह जिस्म रखता है और न ही दिखाई देता है
हमारा अक़ीदह है कि उसका वुजूद नामुतनाही है अज़ नज़रे इल्म व क़ुदरत,व अज़ नज़रे हयाते अबदीयत व अज़लीयत,इसी वजह से ज़मान व मकान में नही आता क्योँकि जो भी ज़मान व मकान में होता है वह महदूद होता है। लेकिन इसके बावजूद वह वक़्त और हर जगब मौजूद रहता है क्योँ कि वह फ़ौक़े ज़मान व मकान है। “व हुवा अल्लज़ी फ़ी अस्समाइ इलाहुन व फ़ी अलअर्ज़ि इलाहुन व हुवा अलहकीमु अलअलीमु ”[4] यानी (अल्लाह)वह है जो ज़मीन में भी माबूद है और आसमान में भी और वह अलीम व हकीम है। “व हुवा मअकुम अयनमा कुन्तुम व अल्लाहु विमा तअमलूना बसीर ”[5] यानी तुम जहाँ भी हो वह तुम्हारे साथ है और जो भी तुम अन्जाम देते हो वह उसको देखता है।
हाँ वह हमसे हमारे से ज़्यादा नज़दीक है,वह हमारी रूहो जान में है,वह हर जगह मौजूद है लेकिन फ़िर भी उसके लिए मकान नही है। “व नहनु अक़रबु इलैहि मिन हबलि अल वरीद ”[6] यानी हम उस से उसकी शह रगे गरदन से भी ज़्यादा क़रीब हैं।
“हुवा अलअव्वलु व अलआख़िरु व ज़ाहिरु व बातिनु व हुवा बिकुल्लि शैइन अलीम”[7] यानी वह (अल्लाह)अव्वलो आख़िर व ज़ाहिरो बातिन है और हर चीज़ का जान ने वाला है।
हम जो क़ुरआन में पढ़ते हैं कि “ज़ु अलअर्शि अलमजीद ”[8]वह साहिबे अर्श व अज़मत है। यहाँ पर अर्श से मुराद बुलन्द पा तख़्ते शाही नही है। और हम क़ुरआन की एक दूसरी आयत में जो यह पढ़ते हैं कि “अर्रहमानु अला अलअर्शि इस्तवा ” यानी रहमान (अल्लाह)अर्श पर है इसका मतलब यह नही है कि अल्लाह एक ख़ास मकान में रहता है बल्कि इसका मतलब यह है कि पूरे जहान, माद्दे और जहाने मा वराए तबीअत पर उसकी हाकमियत है। क्योँ कि अगर हम उसके लिए किसी खास मकान के क़ायल हो जायें तो इसका मतलब यह होगा कि हमने उसको महदूद कर दिया, उसके लिए मख़लूक़ात के सिफ़ात साबित किये और उसको दूसरी तमाम चीज़ो की तरह मान लिया जबकि क़ुरआन ख़ुद फ़रमाता है कि “ लैसा कमिस्लिहि शैउन ”[9] यानी कोई चीज़ उसके मिस्ल नही है।
“व लम यकुन लहु कुफ़ुवन अहद ” यानी उसके मानिन्द व मुशाबेह किसी चीज़ का वुजूद नही है।
2. सिफ़ाते जमाल व जलाल 4. न वह जिस्म रखता है और न ही दिखाई देता है
12
13
14
15
16
17
18
19
20
Lotus
Mitra
Nazanin
Titr
Tahoma